मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के प्रगति यात्रा पर जमकर निशाना साघा तेजस्वी यादव ने
LBN News Desk Patna
Editing- NK Singh
मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार 23 दिसंबर से 28 दिसंबर तक ”प्रगति यात्रा” पर रहेंगे। मुख्यमंत्री की यह यात्रा 23 दिसंबर से पश्चिम चंपारण से शुरू होगी, जिला प्रशासन इस यात्रा को ले पूरी तैयारी में जुट चुकी है । मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के इस यात्रा को ले बिहार में सियासी हलचल शुरू हो चुकी है। विपक्षी दलों की ओर से बयानों के तीर चलाए जा रहे हैं ।मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के प्रगति यात्रा पर सवाल खड़ा करते हुए नेता प्रतिपक्ष श्री तेजस्वी यादव ने जमकर निशाना साधा।
आपको बताते चले कि इस यात्रा को ले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री से नीतीश कुमार से कुछ सवालों का जवाब जानना चाहे हैं।
नेता प्रतिपक्ष श्री तेजस्वी यादव ने सिधे तौर पर कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार को (𝟐𝟐𝟓𝟕𝟖𝟎𝟎𝟎𝟎𝟎₹) 𝟐 अरब 𝟐𝟓 करोड़ 𝟕𝟖 लाख की अलविदा यात्रा पर निकलने से पूर्व बिहार की जनता से क्षमा-याचना माँगनीं चाहिए कि 𝟐𝟎 वर्षों में कथित यात्राओं के माध्यम से राजनीतिक पर्यटन पर निकलने के बावजूद वो अभी तक वास्तविक तथ्य-सत्य और साक्ष्य क्यों नहीं जान एवं समझ पाए है? मुख्यमंत्री जनता के इन वाजिब सवालों के जवाब दे:-
𝟏. नीतीश कुमार जी बताएं कि 𝟐𝟎 साल मुख्यमंत्री रहने के बाद भी बिहार की प्रति व्यक्ति आय देश में सबसे कम क्यों है?
𝟐. बीस साल मुख्यमंत्री रहने के बाद भी बिहार मानव विकास सूचकांक और नीति आयोग के सत्तत विकास सूचकांक के हर मापदंड में सबसे पीछे क्यों है? एक भी संकेतक को सुधारने में क्या 𝟐𝟎𝟎 साल और चाहिए?
𝟑. बीस साल बाद भी 𝐂𝐌 क्यों नहीं जान पाए है कि बिहार के 𝟑𝟔.𝟕% स्कूलों में लड़कियों के लिए शौचालय नहीं है? बिहार के 𝟓𝟔𝟖𝟏 सरकारी विद्यालयों के पास अपना भवन भी नहीं है और वह बगल के विद्यालय से संलग्न होकर चलाए जा रहे हैं जबकि इनमें से 𝟗𝟑𝟑 के पास भूमि उपलब्ध है तथा जिन विद्यालयों के पास अपना भवन है उनमें से 𝟔𝟐% प्राथमिक विद्यालय और 𝟐𝟎% माध्यमिक विद्यालयों के परिसरों की चारदीवारी भी क्यों नहीं है?
𝟒. बारम्बार यात्राएं करने के बाद भी 𝐂𝐌 को यह पता क्यों नहीं चलता था कि जिला सदर अस्पताल, मेडिकल कॉलेज एवं अनुमंडलीय अस्पतालों के हालात इतने बदतर क्यों थे? 𝟏𝟕 महीने में हमने मिशन-𝟔𝟎, मिशन परिवर्तन और मिशन बुनियाद के तहत सभी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में क्रांतिकारी बदलाव के साथ चिकित्सक, स्वास्थ्य कर्मियों, उपकरणों एवं दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करायी। हमारे हटने के बाद से फिर एक साल में स्वास्थ्य सेवाओं और सुविधाओं में गिरावट क्यों हुई, क्या मुख्यमंत्री इसमें सुधार का प्रयास करेंगे?
𝟓. बिहार के थानों व कार्यालयों में रिश्वतखोरी एवं अफ़सरशाही क्यों है? जिला मुख्यालय से बाहर निकलकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह जानने की कोशिश क्यों नहीं की?
𝟔. सीएम ने जब यात्राएं शुरू नहीं की थी तब बिहार की चीनी मिलें चलती थी लेकिन मुख्यमंत्री द्वारा यात्राएं शुरू करने के बाद से सभी चीनी मिल बंद क्यों है? मुख्यमंत्री जवाब दें उन्होंने चीनी मिले बंद क्यों करायी? 𝟏𝟎 बरसों से डबल इंजन सरकार होने के बावजूद भी चीनी मिल शुरू क्यों नहीं हो पाई?
𝟕. हम 𝟏𝟕 महीने सरकार में आए तो राजद कोटे से गन्ना और उद्योग विभाग ने मिलकर रीगा चीनी मिल शुरू कराने का कैबिनेट से निर्णय पास कराया? आपसे इतने सालों की सत्ता में यही काम क्यों नहीं हो पाया था?
𝟖. 𝟏𝟕 बरसों से कथित फिज़ूलखर्ची यात्रा करने के बाद भी मुख्यमंत्री और उनके अधिकारियों को यह क्यों नहीं पता चला कि विभिन्न विभागों में 𝟏𝟎 लाख पद रिक्त थे?
𝟗. आम जनता को चिढ़ाने वाले इन बेमतलब की यात्राओं में जब मुख्यमंत्री जिले-जिले मुँह चमकाने के लिए घूमते थे तब भी इनको यह ज्ञात क्यों नहीं होता था कि जिला रोजगार पंजीकरण एक्सचेंज में कितने बेरोजगार पंजीकृत है? उनकी नज़र में रोजगार पंजीकरण एक्सचेंज का कोई मतलब भी है या नहीं?
𝟏𝟎. जनता के पैसों को बर्बाद कर यात्रा करने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अभी तक यह ज्ञात क्यों नहीं हुआ कि बिहार के आधे घरों से यानि हर दूसरे घर से लोग काम की तलाश में राज्य से बाहर पलायन कर अपने परिवार से दूर रहने को विवश क्यों हैं?
𝟏𝟏. हर वर्ष कम से कम आधा साल बिहार बाढ़ या सुखाड़ से जूझता है। सरकारी खजाने से अरबों खर्च कर अपने महिमामंडन के लिए राजनीतिक पर्यटन पर निकलने वाले आत्ममुग्ध 𝐂𝐌 को इतना समय भी नहीं मिला कि डबल इंजन सरकार होने के बावजूद इतनी गंभीर समस्या के हल पर कुछ विचार करें?
𝟏𝟐. क्या 𝐂𝐌 को किसानों की दिक़्क़त और खाद की क़िल्लत के बारे में जानकारी है? अगर है तो खाद की कालाबाज़ारी के क्या वो दोषी नहीं है?
𝟏𝟑. पहले की यात्राओं के दौरान की गयी घोषणाओं, आश्वासनों और निर्देशों का अनुपालन नहीं होना क्या एक विफल, कमजोर, रिटायर्ड अधिकारियों पर आश्रित बेबस मुख्यमंत्री का परिचायक नहीं है? क्या मुख्यमंत्री को अपनी विफलता के लिए क्षमाप्रार्थी नहीं होना चाहिए?